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भारत में नृत्य के प्रकार Forms of Dance in India (Bharat me Nrity ke Prakar)

भारत में नृत्य के प्रकार  Form of Dance in India भारत में प्राचीन समय से ही बहुमुखी नृत्य रूपों – शास्त्रीय और क्षेत्रीय दोनों का ही विकास हुआ है | भारतीय नृत्य कला के सभी रूपों में रिस चुका है , जो कविता , मूर्तिकला , चित्रकला , संगीत और थिएटर सहित अन्य जगहों पर देखने को मिलता है | भारत के नृत्य विशिष्ट विशेषताओं की एक साथ , एक समग्र कला है , जो दर्शन , धर्म , जीवन चक्र , मौसम , और पर्यावरण की भारतीय विश्वदृष्टि को दर्शाती है | एक गतिशील कला के रूप में , रचनात्मक कलाकारों की कल्पना के साथ , नृत्य रूपों का विकसित होना आज भी जारी है | गुफाओं में मिले चित्र , मोहन जोदड़ो की ‘ नृत्य करती स्त्री की मूर्ति ’, वेद , उपनिषद और अन्य महाकाव्यों में मिले साक्ष्य स्पष्ट रूप से नृत्य प्रदर्शन की भारत की समृद्ध परंपरा को प्रमाणित करते हैं | भरत मुनि का नाट्य शास्त्र नृत्यकला का प्रथम प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है। इसको पंचवेद भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में अपनी जड़ो के साथ , सदियों से नृत्य कला , मूर्तिकला के कलाकारों को प्रेरित करती रही है , जिनका प्रभाव हमारे मंदिरों पर स्पष्ट रुप से दे...