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सामाजिक रूपांतरण में मीडिया की भूमिका (Role of Media in Social Transformation) Samajik Rupantaran me Media ki Bhumika

सामाजिक रूपांतरण में मीडिया की भूमिका Role of Media in Social Transformation  संचार का इतिहास उतना ही प्राचीन है जितना की ये समाज , परन्तु मीडिया शब्द का आविर्भाव बहुत अधिक प्राचीन नहीं है , संचार जहाँ संदेशों के संचरण का पर्याय है , मीडिया बदलाव और एक क्रान्ति का नाम है , जिसने इतनी तेजी से और इतनी गहराई में पैर जमाये हैं कि आज मीडिया के बिना समाज की कल्पना पाषाण काल में जाने जैसा है। सामाजिक रूपांतरण एक रूढ़ शब्द नहीं है , बल्कि इसकी आत्मा में एक गतिशीलता का भाव छुपा हुआ है। सामाजिक संदर्भों में रूपांतरण एक कायिक प्रकिया है , जिसमें व्यक्ति , संस्थाएं , समाज या समूह के व्यवहार में एक किस्म का आमूल-चूल परिवर्तन देखा जाता है। यह परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह का हो सकता है। जहां तक सामाजिक रूपांतरण में मीडिया का भूमिका का प्रश्न है , यह शैक्षिक नवाचार के एक प्रतिरूप के रूप में अभी तक सामने आया देखा जाता रहा है। मीडिया समाज को बदलने का माध्यम है और इसके शब्द ऐसे हथियार हैं , जो व्यक्ति की मानसिकता को तत्काल प्रभावित-अभिप्रेरित करने की क्षमता रखते हैं। जब...

जनमाध्यम, भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक अस्मिता ( Media, Indian culture and cultural identity) Janmadhyam, Bharatiya Sanskriti aur Sanskritik Asmita

 -डॉ. माला मिश्र जनमाध्यम, भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक अस्मिता Media, Indian culture and cultural identity प्रिंट मीडिया को यदि आधुनिक समाज और नवजागरण की उपज कहा जाता है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सूचना समाज का उत्पाद रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा और इंटरनेट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम हैं तथा पत्र, पत्रिकाएँ प्रिंट माध्यम। भारत में इन माध्यमों का विकास अनेक सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का परिणाम है। भाषा जनसंचार माध्यमों के लिए एक उपयोगी उपकरण है। किसी भी माध्यम का आकार प्रकार रचने और गढ़ने में भाषा की अहम् भूमिका होती है। जन माध्यमों की व्यापक पहुँच, लोकप्रियता और जनचरित्र के कारण समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं समाज के राजनीतिक व सांस्कृतिक जीवन के राजनीतिक सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन में जनमाध्यमों का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। एक उद्योग के रूप में इनके रूपांतरण व बाजार में मजबूत पकड़ के कारण आर्थिक क्षेत्र में भी जन माध्यमों की सार्थकता बढ़ी रही है। जन माध्यमों की व्यापक पहुँच बहुआयामी भूमिका के कारण इनके नियमन के प्रयास सदैव आवश्यक हैं। आज समाज का संभवतः को...