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  Chandrayaan-3: Advancing India's Space Program with Lunar Discoveries Introduction In recent years, India's space program has advanced remarkably, with notable successes like the Chandrayaan-1 and Chandrayaan-2 missions. The Indian Space Research Organization (ISRO) is now preparing for Chandrayaan-3, its much awaited next lunar mission. Chandrayaan-3 seeks to advance our knowledge of the Moon and establish India as a key factor in lunar exploration by building on the accomplishments and lessons learnt from its predecessors. We shall go into the specifics of Chandrayaan-3 in this article and examine its goals, value to science, and breakthroughs in technology. Overview of the mission's goals Chandrayaan-3's main goal is to place a lunar rover on the lunar surface, allowing for in-depth scientific research and exploration. The mission aims to advance our knowledge of the geology, mineralogy, and prospective resources of the Moon through in-situ experiments, sam...
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कोरोना वायरस: 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत

कोरोना वायरस: 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत Corona- samvedana दुनिया भर में 3 लाख कोरोना वायरस मामले • पहले एक लाख 67 दिन में • दूसरे एक लाख 11 दिन • तीसरे एक लाख 4 दिन अब एक नज़र भारत के कोरोना वायरस संक्रमित मरीज़ो की संख्या पर पहले 50 मामले 40 दिन में आए • फिर 100 तक का आकड़ा पहुंचने में लगे अगले 4 दिन • 150 तक पहुंचने में अगले 4 दिन और लगे • 200 पॉजिटिव केस पहुंचने में 2 दिन लगे • और उसके बाद से हर दिन लगभग 100 नए मामले सामने आ रहे हैं. भारत में अस्पतालों की संख्या इन्हीं आँकड़ों को देखते एक आम भारतीय के मन में आशंका है कि क्या हमारी तैयारी ऐसी है कि हम कोरोना के कहर से निपट पाएंगे. ऐसे में ज़रूरत है हमें भारत के हेल्थ केयर सिस्टम को समझने की. भारत के हेल्थ केयर सिस्टम को दो भागों में बांटा जा सकता है. पब्लिक और प्राइवेट. पहले बात पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम की यानी वो सिस्टम जो सरकार के नियत्रंण में हैं. इस सरकारी सिस्टम को हम तीन लेयर में बांट सकते हैं. पहला है प्राइमरी हेल्थ केयर. ...

कोरोना corona से बचने के कुछ सामान्य उपाय

Hindi grammar for UPTET AND CTET हिंदी व्याकरण (वर्ण, समास, ध्वनि आदि से जुड़े प्रश्नों की शृंखला)

हिंदी व्याकरण (वर्ण, समास, ध्वनि आदि से जुड़े प्रश्नों की शृंखला) www.parachhaee.com प्रश्‍न 1- क्रिया विशेषण किसे कहते है। उत्‍तर - जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का ज्ञान होता है, उसे क्रिया विशेषण कहते है। जैसे – यहॉ , वहॉ , अब , तक आदि प्रश्‍न 2- अव्यय किसे कहते है। उत्‍तर - जिन शब्दों में लिंग , वचन , पुरूष , कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अव्यय कहते है। प्रश्‍न 3- अव्यय के सामान्यत: कितने भेद है। उत्‍तर - अव्यय के सामान्यत: 4 भेद है। 1. क्रिया विशेषण 2. संबंधबोधक 3. समुच्चोय बोधक 4. विस्मचयादि बोधक प्रश्‍न 4- हिन्दी् में वचन कितने प्रकार के होते है। उत्‍तर - हिन्दी् में वचन 2 प्रकार के होते है। 1. एक वचन 2. बहुवचन प्रश्‍न 5- वर्ण किसे कहते है। उत्‍तर - वह मूल ध्वनि जिसका और विभाजन नही हो सकता हो उसे वर्ण कहते है। जैसे - म , प , र , य , क आदि प्रश्‍न 6- वर्णमाला किसे कहते है। उत्‍तर - वर्णों का क्रमबद्ध समूह ही वर्णमाला कहलाता है। प्रश्‍न 7- शब्द किसे कहते है। उत्‍तर - दो या दो से अधिक वर्णों का मेल जिनका कोई निश्चित अर्थ निकलता ...

Child Psychology and Teaching Aptitude for UPTET and CTET IN Hindi बाल मनोविज्ञान और अध्यापन अभिरुचि से सम्बंधित प्रश्न हिंदी में

बाल मनोविज्ञान और अध्यापन अभिरुचि से सम्बंधित प्रश्न हिंदी में Child Psychology and Teaching Aptitude for UPTET and CTET IN Hindi www.parachhaee.com प्रश्न -1- किशोरों में द्वन्द्व उभरने का प्रमुख कारण है —- A पीढ़ियों क! अन्तर B अवसरों की प्रतिकूलता C निराशा तथा निस्सहायता D किशोरवस्था में स्वप्न दर्शन Ans. B प्रश्न -2- पाठ्यचर्चा है —- A शिक्षण पद्धति एवं पढ़ाई जाने वाली विषय – वस्तु B विधालय का सम्पूर्ण कार्यक्रम C मूल्यांकन प्रक्रिया D कक्षा में प्रयुक्त पाठ्य-सामग्री Ans. B प्रश्न -3- डिस्लेक्सिया संबंधित है — A मानसिक विकार B गणितीय विकार C पठन विकार D व्यवहार संबंधी विकार Ans. C प्रश्न -4- टर्मन के अनुसार औसत बुद्धि-लब्धि होती हैं — A 120 – 140 B 110 – 135 C 90 – 110 D 80 – 90 Ans. C प्रश्न -5- जब बच्चें को कोई नियम या सिद्धांत सिखाना हो तो अध्यापक प्रयोग करेगा — A आगमन विधि B निगमन विधि C विश्लेषण विधि D कहानी कथन विधि Ans. A प्रश्न -6- श्यामपट्ट पर लिखते समय सबसे महत्वपूर्ण हैं — A अच्छा लेख B लिखने में स्पष्टता C बड़े अक्षर D छ...

UPTET/CTET के लिए बालविकास की महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

UPTET/CTET के लिए बालविकास की महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी Para chhaee.com प्रश्‍न 1- पियाजे ने बुद्धि को किसके प्रति समायोजन योग्यता के रूप में परिभाषित किया है। उत्‍तर - भौतिक एवं सामाजिक पर्यावरण । प्रश्‍न 2- किस विद्वान ने नैतिक वृद्धि की अवस्थाओं की अवधारणा प्रस्तुत की है। उत्‍तर - कोहलबर्ग ने । प्रश्‍न 3- जीनपियाजे के अनुसार कोई बच्चा किस अवस्था में अपने परिवेश की वस्तुकओं को पहचानने एवं उनमें विभेद करने लगता है। उत्‍तर - पूर्व – संक्रियात्मक अवस्था । प्रश्‍न 4- व्य्गोट्स्कीं के अनुसार बच्चे् अपने साथी – समूह के सक्रिय सदस्य कब होते है। उत्‍तर - किशोरावस्था । प्रश्‍न 5- फ्रॉयड के अनुसार किसी बच्चे में समाजीकरण की प्रक्रिया हेतु सर्वोतम आयु होती है। उत्‍तर - पॉच वर्ष । प्रश्‍न 6- बालको के नैतिक विकास को समझने के लिए जीन पियाजे ने कौन सी विधि को अपनाया। उत्‍तर - साक्षत्कार विधि । प्रश्‍न 7- बच्चे दुनिया के बारे में अपनी समझ का सृजन करते है। यह किस विद्वान का कथन है। उत्‍तर - जीन पियाजे । प्रश्‍न 8- यह कथन किसका है कि ज्ञानात्मक विकास नकल पर आधारित न होकर खोज प...

Yad aati ho tum याद आती हो तुम

याद आती हो तुम Parachhaee.com जानती हो? याद आती हो तुमi जब भी देखता हूँ किसी को किसी का हाथ पकड़ चलते हुए। याद आती हो तुम जब भी सबके बीच कहीं वीराने में भटकता है मेरा मैं रोते हुए। याद आती हो तुम जब भी सुनता हूँ किसी पायल की झंकार किसी संगत से आते हुए। जानती हो? खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी अकेला होता है मेरा मैं खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी यादों को जबरदस्ती भगाता हूँ मैं खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी खुद को बहुत समझदार बताता हूँ मैं जानती हो? फिर याद आती हो तुम जब भी किसी और के बारे में सोचता हूँ मैं फिर याद आती हो तुम जब भी कभी अपनी सांसो को महसूस करता हूँ मैं फिर याद आती हो तुम जब भी कभी बैचैनी में किसी को ढूंढता हूँ मैं जानती हो? फिर खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी अकेले कहीं निकालकर वादियों में खो जाने का मन करता है। फिर खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी किसी को थोड़ा सताने और जलाने का मन करता है। फिर खुद को कितना समझाता हूँ मैं जब भी जिंदगी के उन बीते पलों में खो जाने का मन करता है। जानती हो ...

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत........

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत........ अटल बिहारी वाजपेयी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं, उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। उनकी कई कविताएं उनके व्यक्तित्व की परिचायक बन गईं तो कइयों ने जीवन को देखने का उनका नजरिया दुनिया के सामने रख दिया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे अटल को बुधवार को लाइफ सपॉर्ट पर रखा गया तो देश-दुनिया में उन्हें मानने वाले लोगों के मन में अपने चहेते राजनेता की चिंता घर कर गई ।  साल 1988 में जब वाजपेयी किडनी का इलाज कराने अमेरिका गए थे तब धर्मवीर भारती को लिखे एक खत में उन्होंने मौत की आंखों में देखकर उसे हराने के जज्बे को कविता के रूप में सजाया था। आज एक बार फिर याद आ रही यह कविता थी- 'मौत से ठन गई'... ठन गई ! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,  रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई। मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नह...