भारत भारत मेरा परिचय
मैं था भारत, मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय
मैं नवल सृष्टि का सृजन गान, गिरिराज खड़ा इसका प्रमाण.
गंगा की निर्मल सुधा-राशि में ,बहता मेरा मनः प्राण
मेरे चरणों को छू-छूकर, सागर करता मुझको प्रणाम
मेरे ही अन्तःस्थल में तो, है छुपा हुआ हर ब्रह्मज्ञान
यदि मैनें सर्वश त्याग दिया, तो तुम करते हो क्यों संचय
मैं था भारत, मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय
मैं मनु-सतरूपा का संयोग, मैं नव जीवन का नव प्रयोग
मैं बोधिवृक्ष की सघन छाँव, मैं ही गौतम का सत्यबोध
मैं शंखनाद हूँ जीवन का, मैं ही वेदों का नवल शोध
मैं ही मधुता का मृदुल गान, मैं ही कटुता पर प्रबल चोट
मैं विजय सारथी सदा रहा तो तुम भी कर लो दृढ निश्चय
मैं था भारत , मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय
मैं कुरुक्षेत्र का हाहाकार, मैं अर्जुन धनुहा की टंकार
मैं चक्रव्यूह का भेदमंत्र, मैं कृष्ण कण्ठ नव वेद सार
मैं विवश द्रौपदी की पीड़ा,मैं सभा मध्य में पट-प्रसार
मैं जीवन के उस पार कहीं हूँ, खुला सदा ही मोक्ष द्वार
यदि मैं युद्धों से नहीं डरा, तो तुम करते हो क्यों नित भय
मैं था भारत, मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय
©मुक्तेश्वर पाण्डेय पराशर (भारत -भारत मेरा परिचय का से)
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