सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कांग्रेस-जेडीएस गठबधंन में दरार? कर्नाटक में सत्ता का सस्पेंस गहराया, 10 बड़ी बातें

कांग्रेस-जेडीएस गठबधंन में दरार? कर्नाटक में सत्ता का सस्पेंस गहराया, 10 बड़ी बातें

बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में जेडीएस विधायक दल की बैठक मे पार्टी के दो विधायक राजा वेंकटप्पा नायक और वेंकट राव नाडागौड़ा नदारद नजर आ रहे हैं. अहम बैठकों से विधायकों के नदारद होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है. 
parachhaee

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा के सरकार बनाने मे पेंच फंसता नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू के बल पर वह सबसे आगे  है लेकिन उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला हैै।  चुनाव आयोग नतीजों के अनुसार भाजपा बहुमत के आंकड़े 112 से आठ सीट पीछे है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए जनता दल (सेक्यूलर) एच डी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के लिए समर्थन देने की घोषणा की है, लेकिन बहुमत से कुछ ही सीटें कम जीतने वाली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा अभी भी सरकार बनाने का दावा कर रही है।

कर्नाटक विधानसभा चुनावों की मतगणना के दौरान ही जेडीएस को समर्थन देने की बात कर चुकी कांग्रेस का यह पासा लगता है उल्टा पड़ रहा है. मतगणना के बाद तो ऐसा लग रहा था कि जेडीएस एचडी कुमारस्वामी को सीएम पद मिलने के बाद कांग्रेस का साथ देने को तैयार हो गई है, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत रहा है कांग्रेस और जेडीएस के बीच दूरियां बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. कांग्रेस को इस बात का भी डर सता रहा है कि सरकार बनाने के लिए चुनाव में जीतकर आए उनके विधायक को पार्टी से तोड़ा जा सकता है, ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश इस बात को लेकर भी है कि उनके एमएलए खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) के शिकार न हो जाएं. अब तक के उतार-चढ़ाव को 10 पॉइंट में समझिए...

- इसी बीच कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक करने में लगी हुई है. बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में जेडीएस विधायक दल की बैठक मे पार्टी के दो विधायक राजा वेंकटप्पा नायक और वेंकट राव नाडागौड़ा नदारद नजर आ रहे हैं. अहम बैठकों से विधायकों के नदारद होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है. 
- इसी तरह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी 78 में से 66 विधायक ही पहुंचे हैं. बैठक से 12 विधायक नदारद हैं, जिसके बाद आशंका जताई जा रही वह किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि पार्टी के एमबी पाटिल का कहना है कि कांग्रेस के विधायक उनके साथ हैं. 
- वहीं, खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों की नाराजगी का दौर शुरू हो गया है. हालांकि सत्ता को हासिल करने में जुटी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और और सिद्धारमैया ने कहा कि सभी विधायक जेडीएस के साथ हैं और उनका पार्टी पर भरोसा कायम है. उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि जेडीएस पूरी तरह से कांग्रेस के साथ खड़ी है. 
- कांग्रेस नेता रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि हमें हमारे सभी विधायकों पर भरोसा है. बीजेपी हमारे विधायकों को पाने की पूरी कोशिश में लगी है. उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, बीजेपी बस सत्ता को हासिल करने में लगी हुई है.
- एक तरह कांग्रेस दावा पेश कर रही है तो दूसरी तरफ जेडीएस भी कम नहीं है. जेडीएस के कई नेताओं ने बीजेपी को लालच देने का आरोप लगाया है. जेडीएस के प्रमुख नेताओं में शुमार सरवना का कहना है, 'बीजेपी के नेता लगातार हमारे विधायकों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं, लेकिन उन्हें यह याद रखना होगा कि कोई भी हमारी पार्टी को छू नहीं सकता है.' 
- कांग्रेस बेशक से दावे कर रही हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कुमारस्वामी को सीएम बनाए जाने का कुछ लिंगायत विधायक विरोध कर रहे है. सूत्रों का कहना है कि विधायक पार्टी ना छोड़ दे इसके लिए सोनिया गांधी उनसे बात करने में लगी हुईं हैं.
- चुनाव से पहले कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन नहीं था और अब हो गया, जिससे कुछ नेता नाराज हो गए हैं. सूत्रों का कहना है कि जेडीएस के कुछ नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो स्थितियां बदलेंगी
राज्यपाल पर पूरा दारोमदार
कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी इसका सारा दारोमदार अब राज्यपाल के कंधों पर आ गया है कि आखिरकार वह कौन सी पार्टी को पहले सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए बुलाते हैं.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मलिन बस्ती में महिलाओं की शैक्षिक स्थिति का अध्ययन ( Status of Women Education in Slums in India)

मलिन बस्ती में महिलाओं की शैक्षिक स्थिति का अध्ययन गन्दी बस्तियों की अवधारणा एक सामजिक सांस्कृतिक, आर्थिक समस्या के रूप में नगरीकरण-औद्योगिकरण की प्रक्रिया का प्रत्यक्ष परिणाम है। शहरों में एक विशिष्ट प्रगतिशील केन्द्र के चारों ओर विशाल जनसंख्या के रूप में गन्दी बस्तियाँ स्थापित होती हैं। ये बस्तियाँ शहरों में अनेकानेक तरह की अपराधिक क्रियाओं एवं अन्य वातावरणीय समस्याओं को उत्पन्न करती है, नगरों में आवास की समस्या आज भी गम्भीर बनी हुई है। उद्योगपति, ठेकेदार व पूँजीपति एवं मकान मालिक व सरकार निम्न वर्ग एवं मध्यम निम्न वर्ग के लोगों की आवास संबंधी समस्याओं को हल करने में असमर्थ रहे हैं। वर्तमान में औद्योगिक केन्द्रों में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि हुई है एवं उसी के अनुपात में मकानों का निर्माण न हो पाने के कारण वहाँ अनेको गन्दी बस्तियाँ बस गयी है। विश्व के प्रत्येक प्रमुख नगर में नगर के पाँचवे भाग से लेकर आधे भाग तक की जनसंख्या गन्दी बस्तियों अथवा उसी के समान दशाओं वाले मकानों में रहती है। नगरों की कैंसर के समान इस वृद्धि को विद्वानों ने पत्थर का रेगिस्तान, व्याधिकी नगर, नरक की संक्षिप...

बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे (Banaya hai maine ye ghar dhire dhire) By Dr. Ram Darash Mishra

बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे, खुले मेरे ख्वावों के पर धीरे-धीरे। किसी को गिराया न खुद को उछाला, कटा जिंदगी का सफर धीरे-धीरे। जहां आप पहुंचे छलांगे लगाकर, वहां मैं भी आया मगर धीरे-धीरे। पहाड़ों की कोई चुनौती नहीं थी, उठाता गया यूंही सर धीरे-धीरे। न हंस कर, न रोकर किसी ने उड़ेला, पिया खुद ही अपना जहर धीरे-धीरे। गिरा मैं कभी तो अकेले में रोया, गया दर्द से घाव भर धीरे-धीरे। जमीं खेत की साथ लेकर चला था, उगा उसमें कोई शहर धीरे-धीरे। मिला क्या न मुझको ऐ दुनिया तुम्हारी, मोहब्बत मिली, मगर धीरे-धीरे। साभार- साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित डॉ. रामदरश मिश्र  (हिन्दुस्तान (फुरसत) 1जुलाई 2018 को प्रकाशित)

कांशीराम जीवन परिचय हिंदी में | KANSHI RAM BIOGRAPHY IN HINDI

कांशीराम जीवन परिचय  KANSHI RAM BIOGRAPHY जन्म : 15 मार्च 1934, रोरापुर, पंजाब मृत्यु : 9 अक्तूबर 2006 व्यवसाय : राजनेता बहुजन समाज को जगाने बाले मान्यबर कांशीराम साहब का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के ख़्वासपुर गांव में एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री हरीसिंह और मां श्रीमती बिशन कौर थे। उनके दो बड़े भाई और चार बहनें भी थी। बी.एस.सी स्नातक होने के बाद वे डीआरडीओ में बेज्ञानिक पद पर नियुक्त हुए। 1971 में श्री दीनाभाना एवं श्री डी के खापर्डे के सम्पर्क में आये। खापर्डे साहब ने कांशीराम साहब को बाबासाहब द्वारा लिखित पुस्तक "An Annihilation of Caste" (जाति का भेद विच्छेदन) दी। यह पुस्तक साहब ने रात्रि में ही पूरी पढ़ ली।और इस पुस्तक को पढ़ने के बाद सरकारी नोकरी से त्याग पत्र दे दिया। उसी समय उंन्होने अपनी माताजी को पत्र लिखा कि वो अजीबन शादी नही करेंगे। अपना घर परिबार नही बसायेंगे। उनका सारा जीवन समाज की सेवा करने में ही लगेगा। साहब ने उसी समय यह प्रतिज्ञा की थी कि उनका उनके परिबार से कोई सम्बंध नही रहेगा। बह कोई सम्पत्ति अपने नाम नही बनाय...